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अब खाद की टेंशन से मिलेगी मुक्ति, मोदी सरकार की खाद योजना देगी पैसा |pm kisan khad yojana kya hai

pm kisan khad yojana kya hai, पीएम खाद योजना क्या है

भारत में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने किसानों को सीधा आर्थिक लाभ पहुंचाने का उद्देश्य बनाया है। अब तक केंद्र सरकार की तरफ से किसान फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना, जैसी प्रचलित और बड़ी योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ हो रहा है। वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा PM Kisan Khad Yojana 2022 शुरू किया गया है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹11000 की सब्सिडी दी जाएगी। इस धनराशि को सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में डीबीटी किया जाएगा यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर।

pm kisan khad yojana kya hai
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इस योजना का लाभ उठाने के pm kisan khad yojana kya hai को जानना बहुत ज़रूरी है. किसानों की सहायता के लिए सरकार अलग-अलग तरह की योजनाओं को लागू करती है। इसी कड़ी में पीएम किसान खाद योजना के नाम से एक और महत्वपूर्ण योजना जोड़ी गई है। भारत के किसान एक छोटी सी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करके इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। इस योजना की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, लाभ, और अन्य मापदंडों की जानकारी लेने के लिए हमारे लिए के साथ अंत तक बने रहे।

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पीएम किसान खाद योजना क्या है(pm kisan khad yojana kya hai)

खेती में खाद बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसानों को हर तरह की खेती करते वक्त खाद की समस्या से जूझना पड़ता है। खाद से जुड़ी असुरक्षा और उसकी कीमत किसानों को अक्सर परेशान करती है केंद्र सरकार इसी परेशानी का समाधान देते हुए पीएम किसान खाद योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत किसानों को खाद के ऊपर सब्सिडी दिया जाएगा, जिसमें दो किस्तों में पैसे दिए जाएंगे। पहली किस्त ₹6000 की खरीफ फसल से पहले और दूसरी किस्त ₹5000 की रवि फसल से पहले दी जाएगी।

इन पैसों का इस्तेमाल करना खाद की आपूर्ति को पूरा करने के लिए कर सकते है। किसान को सरकार के द्वारा दी जा राहि धनराशि का सीधा लाभ हो इसके लिए बीच में किसी भी तरह के बिचोलिए को नहीं रखा गया है पैसा सीधे किसान के बैंक अकाउंट में सरकार के तरफ से ट्रांसफर किया जाएगा।

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पीएम किसान खाद योजना क्यों शुरू किया गया है(pm kisan khad yojana kyu Shuru Kiya Gya)

जैसा कि हम सब जानते है, अच्छी गुणवत्ता वाले फसल को उगाने के लिए खाद बहुत महत्वपूर्ण है। खाद कुछ केमिकल के द्वारा कंपनी के जरिए बनाया जाता है और किसान अच्छी फसल के लिए उन खादों का इस्तेमाल करते है। सरकार किसान की मदद करने के लिए पहले उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी देती थी, मगर किसानों तक इसका सीधा लाभ नहीं पहुंचता था। इसी समस्या का समाधान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर पीएम किसान खाद योजना को शुरू किया गया है जिसमें सब्सिडी का लाभ सीधा किसानों को दिया जाएगा।

यह योजना भारत के सभी गरीब किसानों के लिए एक वरदान है। इस योजना में किसी भी तरह के बिचौलिए को शामिल नहीं किया गया है सब्सिडी की धनराशि सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में भेज दी जाएगी ताकि वह अपनी सुविधा के अनुसार खाद खरीद सके और फसल को अच्छी गुणवत्ता का बना सके।

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पीएम किसान खाद योजना की विशेषताएं(pm kisan khad yojana ki visheshta)

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  • पीएम किसान खाद्य योजना किसान के खाद्य पर होने वाले खर्च को कम कर रहा है।
  • इस योजना के तहत भारत के प्रत्येक किसान को ₹11000 की धनराशि सीधा बैंक अकाउंट में सरकार के तरफ से मिल रही है।
  • इस योजना से किसानों को खरीफ फसल के लिए अलग खर्च और रवि फसल के लिए अलग खर्च दिया जा रहा है।
  • इस योजना से किसान अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, कीटनाशक और अन्य उर्वरक को खरीद कर बढ़िया फसल उगा पाएगा।
  • इस योजना में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए धनराशि सीधे किसान के बैंक अकाउंट में भेजी जा रही है।

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पीएम किसान खाद योजना का उद्देश्य(pm kisan khad yojana ka uddheshya)

किसान खाद योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का क्या मकसद है इसे समझने के लिए हमने इस योजना के उद्देश्य को सूचीबद्ध आपके समक्ष प्रस्तुत किया है –

  • भारत के विभिन्न जगहों पर मौसम की अनिश्चितता और बिचौलिए की वजह से किसान को खाद्य की समस्या से जूझना पड़ता है, इस योजना से सरकार किसानों की खाद्य से जुड़ी समस्या का समाधान कर रही है।
  • उर्वरक कंपनियों को सरकार की तरफ से जो सब्सिडी दी जाती थी उसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाता था। इस वजह से उस सब्सिडी को कंपनियों को ना देकर सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में देने का उद्देश्य किया गया है।
  • किसान सरकार के तरफ से दिए जाने वाले पैसे का इस्तेमाल खेती मे कर के फसल को और बेहतर बनाए यही इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य है।

पीएम किसान खाद योजना का लाभ(pm kisan khad yojana ka labh)

  • हर साल किसानों को ₹11000 की धनराशि सरकार के तरफ से सीधा बैंक अकाउंट में उर्वरक खरीदने हेतु दी जाएगी।
  • इस धनराशि को दो किस्तों में दिया जाएगा।
  • पहला किस्त ₹6000 का खरीफ फसल से पहले और दूसरा किस्त ₹5000 का रवि फसल से पहले दिया जाएगा।
  • इस धनराशि की मदद से किसान उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज और अन्य उर्वरक खरीद पाएंगे।
  • किसानों को इस सब्सिडी का सीधा लाभ मिले इसके लिए बीच में किसी भी प्रकार से बिचौलिए को नहीं रखा गया है।
  • अब उर्वरक कंपनियों को किसी भी प्रकार की सब्सिडी नहीं दी जाएगी, उस धनराशि को किसानों के बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा।
  • इस योजना से किसान पर अच्छी गुणवत्ता वाले फसल उगाने का बोझ हल्का होगा और मुनाफा ज्यादा होगा।

पीएम किसान खाद्य योजना में आवेदन करने के आवश्यक दस्तावेज

अगर अब सरकार के द्वारा शुरू किए गए इस बेहतरीन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए जिनका इस्तेमाल आवेदन करते वक्त पड़ेगा। हम उन सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची नीचे प्रस्तुत कर रहे हैं –

  • भूमि के कागजात
  • किसान कार्ड
  • फोटो कापी ओफ बैंक पासबुक
  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • बैक एकाउंट नम्बर
  • मोबाइल नम्बर
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

पीएम किसान खाद योजना के लिए आवेदन कैसे करें

अगर आप पीएम किसान खाद योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें –

Step 1 – सबसे पहले dbtbharat के वेबसाइट पर जाएं जो इस खाद्य योजना की आधिकारिक वेबसाइट है।

Step 2 – इस वेबसाइट पर DBT Schemes के विकल्प पर क्लिक करें।

Step 3 – उस विकल्प पर क्लिक करते ही सभी प्रकार के डीबीटी स्कीम आपके समक्ष आ जाएंगे। यहां Fertlizer subsidy scheme पर क्लिक करने से पीएम किसान खाद्य योजना का रजिस्ट्रेशन पेज खुलेगा।

Step 4 – आपके समक्ष एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको आपका नाम, ग्राम, पंचायत, जिला, आधार नंबर, जैसी सभी जानकारियों को भरना है।

Step 5 – नीचे आपको कैप्चा का एक विकल्प दिखेगा जिसे भरकर दिए गए सम्मिट के बटन पर क्लिक करना है।

आवेदन करते वक्त ध्यान दें आवश्यक बातें –

  • इस योजना के लिए एक व्यक्ति एक बार ही रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
  • रजिस्ट्रेशन करते वक्त आवेदक का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, और बैंक अकाउंट लिंक होना चाहिए।

पीएम किसान खाद योजना से जुड़े कुछ आवश्यक प्रश्न (FAQ)

Q. किसान खाद योजना क्या है(pm kisan khad yojana kya hai)

किसान खाद योजना सरकार के द्वारा हाल ही में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत भारत के सभी किसानों को खाद खरीदने के लिए साल में ₹11000 की सब्सिडी दी जा रही है।

Q. पीएम किसान खाद योजना से कितने पैसे मिलेंगे?

किसान खाद योजना के तहत 1 साल में ₹11000 की धनराशि 2 किस्तों में बैंक अकाउंट में भेजी जाएगी। जिसमें पहली किस्त ₹6000 की और दूसरी किस्त ₹5000 की होगी।

Q. किसान खाद योजना के लिए कैसे आवेदन करें?

अगर आप पीएम किसान खाद योजना के लिए आवेदन करना चाहते है तो dbtbharat.gov.in पर जाए, जो इस योजना का अधिकारिक वेबसाइट है वहां DBT Schemes के विकल्प में जा कर “किसान खाद्य योजना” के विकल्प पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर दें।

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं इस लेख में बताई गई सभी प्रकार की जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़ने के बाद आप pm kisan khad yojana kya hai के बारे में अच्छे से समझ पाए होंगे। यह एक बेहतरीन योजना है जो भारत के सभी किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस योजना में सरकार ने किसानों की खाद समस्या का बेहतरीन तरीके से समाधान दिया है, जिसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी इस लेख के जरिए समक्ष रखने का प्रयास किया गया।

अगर इस लेख में बताई गई सभी जानकारी, योजना का उद्देश्य, लाभ और अन्य मापदंडों के बारे में आप अच्छे से समझ पाए है, तो इसे सभी किसानों तक पहुंचाएं और अपने किसी भी प्रकार के विचार या प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले। 

जानें जिनेरियम की देखभाल करने का जबरदस्त तरीका|Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen

Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen, जिनेरियम की देखभाल करने का आसान तरीका

जिनेरियम की खेती कम पैसे में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. इस फसल की लागत भी अन्य फसलों की तुलना में काफी कम होती है. इसकी देखभाल की न के बराबर चिंता करने की ज़रूरत होती है. इस लेख में हम आपको जिनेरियम की देखभाल करने के ज़बरदस्त तरीकों(Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen) के बारे में बतायेंगे. यदि आप इसकी खेती करने का प्लान करने रहे हैं तो ये लेख आपके लिए रामबाण साबित होगा.

सुरक्षात्मक शेड तकनीकी(Geranium ki dekhbhal kaise karen)

Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen
Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen

इसे जिरेनियम के मातृ पौधों को बचाने के लिए तैयार किया जाता है. शेड को किसान के पास मौजूद बांस बल्ली की मदद से 200 माइक्रोन की पारदर्दी (सफेद) पॉलीथीन से तैयार किया जाता है. जिसमें के ऊपर का एक मीटर हिस्सा खुला रखा जाता है ताकि ऊपर बारिश के पानी से तो बचत हो लेकिन पौधे के लिए हवा का आवागमन बना रहे. प्राकृतिक माहौल में पौधे तेजी से विकसित होते हैं. इसे खेत के उस हिस्से में बनाया जाता है जो ऊंचा हो. या फिर उस जगह को एक फीट मिट्टी डालकर ऊंचा कर देते हैं.

जिरेनियम की खेती कब की जाती है

वैसे तो जिरेनियम की खेती के लिए नवम्बर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. भारत के कई हिस्सों में इसी महीने इसकी खेती की जाती है, लेकिन किसान भाई नवम्बर से फ़रवरी तक इसकी खेती कर सकते हैं. किसान नवम्बर से फ़रवरी के बीच में कभी जिरेनियम की फसल को लगा सकते हैं. यदि किसान भाई ज़्यादा से ज़्यादा लाभ लेना चाहते हैं तो फ़रवरी से ही इसकी खेती शुरू करें. जैसा कि किसान भाई मेंथा की खेती के लिए करते हैं.

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जिरेनियम को बारिश से बचाने का तरीका(Geranium Ki Dekhbhal Kaise Karen)

  • इसे बारिश से बचाने के कई तरीके हैं. जिसमें से एक सेमी प्रोटेक्टिव सेड भी एक है.
  • किसान भाई सुरक्षात्मक शेड तकनीकी से पौधों की नर्सरी को बचा सकते हैं.
  • जेनेरियम की पौध लगाने से पहले जमीन को बाकी की तुलना में ऊंचा कर लें.
  • फिर ऊपर उठी हुई जमीन पर पौध लगाये. जिससे बारिश होने पर पानी पौध की जड़ों में ना जाये.
  • इसके साथ ही किसान दोमट और बलुई दोमट मिट्टी में इसे बायोए, इसमें बीमारीयों और खरपतवार से बचाने में मदद मिलती है.

जिरेनियम की खेती की लागत (geranium plant cost)

यदि किसान भाई सेड विधि से खेती करें तो, इसकी लागत 2 रूपये प्रति पौधा आती है. सेड बनाने के लिए किसान भाइयों को सिर्फ 8-10 हज़ार रूपये खर्च करने होंगे. किसान केवल 4-5 हज़ार पौध से ही एक एकड़ जमीन के लिए 20-22 हज़ार पौधे तैयार कर सकते हैं. मात्र चार माह की फसल में लगभग 80 हजार रुपये की लागत आती है.  किसान भाई https://www.cimap.res.in/hindi/ से पौध लेने के लिए सम्पर्क कर सकते हैं.

जिरेनियम की खेती से मुनाफा (geranium farming profit)

इसकी बाज़ार में औसतन कीमत 20 हज़ार रूपये है. यदि किसान भाई इसकी खेती एक एकड़ में करते हैं तो, उन्हें 8-10 लीटर तेल प्राप्त होगा. इस तरह उन्हें केवल चार महीने में करीब 2 लाख रूपये का मुनाफा होगा. यह लम्बी चलने वाली फसल है किसान भाई 4 से 5 साल तक इसके मुनाफा कमा सकते हैं. उन्हें हर बार बारिश से चार हज़ार पौध को बचाना होगा और फिर उसी की कटिंग को लगाना होगा. इससे किसानों का मुनाफा और बढ़ जायेगा.

जिरेनियम की खेती कैसे करें

जिरेनियम तेल के दाम(Geranium oil price )

इसके तेल की मांग भारत सहित विदेशों तक में है. भारतीय बाज़ार में इसके तेल के दाम 10 से 25 हज़ार प्रति लीटर तक हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इसकी कीमत पिछले कई सालों से 10 हज़ार लीटर से कम नहीं हुई है.

जिरेनियम की खेती कर कमायें लाखों रुपये हर साल | Geranium Ki Kheti Kaise Karen

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यदि किसान भाई कम लागत, मेहनत और ज्यादा मुनाफ़ा वाली फसल की तलाश कर रहे हैं तो, जिरेनियम उसका एक विकल्प हो सकता है. ये फसल कम लागत में ज्यादा लाभ देने की काबिलियत रखती है. किसान भाई इसकी खेती कर 4-5 साल तक आराम से मुनाफा कमा सकते हैं. कम पानी में उगने वाली फसल होने के कारण ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत भी नहीं होती. इस लेख के माध्यम से हम आपको जेरेनियम से जुड़ी A-Z जानकारी देंगे. जिसमें इसकी खेती कब करें, लागत और मुनाफा (Geranium ki kheti kaise karen) भी शामिल हैं.

जिरेनियम क्या क्या है (What is Geranium in hindi)

जेरेनियम मूलतः दक्षिण अफ्रीका का पौधा है. इसका वैज्ञानिक नाम पिलारगोनियम ग्रेवियोलेन्स(geranium scientific name in hindi) है. यह एक सुगंधित पौधा है. जिसे लोग गरीबों के गुलाब के नाम से भी जानते हैं. जेरेनियम के तेल की मार्केट में अत्यधिक मांग है. मशीन की मदद से इसके फूलों से तेल निकाला जाता है जो औषधी के साथ अन्य और काम में भी आता है. जिरेनियम तेल से गुलाब सी मिलती जुलती खुशबू आती है. इसका उपयोग एरोमाथेरेपी, ब्यूटी प्रोडक्ट, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में किया जाता है.

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Geranium oil meaning in hindi

एक हल्के पीले या हरे रंग का तेल जिसमें गुलाब की तरह सुगंध होती है, जो कि जीनस पेलार्गोनियम के विभिन्न पौधों से प्राप्त होता है, और इसका मुख्य रूप से एरोमाथेरेपी, ब्यूटी प्रोडक्ट, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में किया जाता है.

कैसी मिट्टी में जिरेनियम की खेती की जाती है(In what soil is geranium cultivated in hindi)

इसकी बुआई के लिए माकूल है, दोमट और बलुई दोमट मिट्टी बढ़िया मानी जाती है. इस मिट्टी में ऐसे जीवाणु कम होते हैं जो इस नुकसान पहुंचाते हैं.

जिरेनियम तेल का रेट(geranium oil price in Hindi)

भारतीय बाज़ार में जिरेनियम की कीमत 10 से 25 हज़ार रूपये प्रति किलो तक है. विदेशी बाज़ार में किसी इसकी कीमत और भी ज्यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कई सालों से इसकी कीमत 10 हज़ार रूपये प्रति किलों से नीचे नहीं गयी है. ऐसे में यह किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफ़ा देने वाली फसल साबित हो सकती है.

जिरेनियम की खेती कैसे करें (Geranium Ki Kheti Kaise Karen)

Geranium Ki Kheti Kaise Karen
Geranium Ki Kheti Kaise Karen
  • नवम्बर महीने में जेरिनियम की बुवाई की जाती है और इन्हें सुरक्षात्मक शेड में रखा जाता है.
  • जेरिनियम के मातृ पौधों को बारिश से बचाने के लिए सुरक्षात्मक शेड बनाया जाता है.
  • इसके लिए बुवाई वाले क्षेत्र को बाकि से ऊंचा रखा जाता है.
  • एक एकड़ में जिरेनियम की खेती करने के लिए कुल 20-22 हज़ार पौधों की ज़रूरत होती है.
  • जिसके लिए हमें 3-4 हज़ार पौध को पॉलीहाउस की सुरक्षात्मक शेड तकनीकी से बारिश से बचाना होता है.
  • इसके लिए 30-40 वर्ग मीटर के आसपास का सेमी प्रोटेक्टिव सेड बनाया जाता है.
  • जो ऊपर से पूरी तरह से पॉलिथीन से ढका हुआ हो होता है.
  • इसके बाद 15 मार्च के आसपास पौध से पौध तैयार की जाती है.
  • एक पौध से 10 से 12 पौध तैयार किये जा सकते हैं.
  • बरसात खत्म होने के बाद इन्हें खेत में लगा दें.
  • फिर एक बार कटिंग लें और फिर कटिंग से कटिंग लें.
  • इस तरह फ़रवरी तक 6-7 बार कटिंग लें और ऐसे एक एकड़ के लिए पौधें तैयार हो जायेंगे.
  • ऐसे हम काफी कम पौधों की मदद से भी 20-22 हज़ार पौधें तैयार कर लेंगे.
  • इसके पौधों को 50 से 50 की दूरी पर लगायें और बराबर खाद दें.

बीज कहां से लें

सीमैप अरोमा मिशन के तहत जेरेनियम की खेती को बढ़ावा देने के लिए मदर प्लांट उपलब्ध करा रहा है. इस पहल का उद्देश्य जेरेनियम की खेती को व्‍यावसायिक रूप से बढ़ावा देना है ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके. ऑफिसियल वेबसाइट https://www.cimap.res.in/hindi/. यदि आपको जिरेनियम बीज लेने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप हमसे इस नंबर पर सम्पर्क करें 9205632859. हम आपको बीज दिलाने में मदद करेंगे.

जेनेरियम को हिंदी में क्या कहते हैं ?

इसका वैज्ञानिक नाम पिलारगोनियम ग्रेवियोलेन्स है और इससे हिंदी में गरीबों का गुलाब कहते हैं.

जिनेरियम की खेती की लागत ?

एक एकड़ में इसकी लगात करीब 80 हज़ार के करीब आती है.

जिनेरियम की खेती से मुनाफ़ा ?

किसान भाई इसकी खेती से 2 लाख रूपये प्रति एकड़ कमा सकते हैं. वो भी चार महीने के भीतर.

जिनेरियम की फसल कितने महीने में तैयार होती है ?

इसे तैयार होने में 120 या चार महीने का वक़्त लगता है.

भारत में जैविक खेती शुरू कर लाखों रूपये कमायें| How to Start Organic Farming in india in Hindi

(How to Start Organic Farming in india in Hindi, organic farming in hindi, benefits, disadvantage) भारत में जैविक खेती कैसे करें, जैविक खेती क्या है, इसके क्या लाभ हैं, ट्रेनिंग कहाँ से लें, अकार्बनिक खेती और जैविक खेती में अंतर, जैविक खेती के प्रकार, जैविक खेती के नुकसान

दोस्तों, बदलते समय ने हमारे खेती करने के तरीके को भी बदल दिया है. आज अधिक उत्पाद प्राप्त करने के लिए हम खेतों में अंधाधुंध रसायनों का उपयोग करने लगे हैं. इससे खेतों की उर्वरा शक्ति तो कम होती है. साथ ही प्राप्त होने वाले अनाज, फल और सब्जियां भी पोषक तत्व रहित होती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम अब फिर से जैविक खेती की तरफ बढ़ने लगे हैं.

जैविक खेती ना केवल सस्ती है बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान नहीं होता है. किसान भाई जैविक खेती अपना कर अपना मुनाफ़ा दोगुना कर सकते हैं. इसके लिए जैविक खेती करने के तरीके के बारे में पूर्ण जानकारी होना ज़रूरी है. इस लेख के माध्यम से हम आपको जैविक खेती से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी उपलब्ध करायेंगे, जिससे आप भी आसानी से जैविक खेती को घर(Organic Farming at home) में ही शुरू कर सकते हैं. आपसे अनुरोध है कि जैविक खेती के बारे में सबकुछ जानने के लिए लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें.

जैविक खेती किसे कहते हैं (What is organic farming in hindi)

खेती की वह विधि जिसमें रसायनों का ना के बराबर इस्तेमाल होता है. इस विधि में उत्पादन और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कीटनाशकों और कृत्रिम रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है. यह विधि पूरी तरह जैव उर्वरकों पर निर्भर होती है. इस विधि में अक्सर जैविक खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट, जानवरों का मल-मूत्र, हरी खाद, लकड़ी की राख का इस्तेमाल किया जाता है. इस विधि में रासायनिक दवाइयों का प्रयोग भी नहीं किया जाता है. फसलों को कीट-पतंगों से बचाने के लिए भी प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है.

जैविक खेती के लाभ (organic farming benefits)

जैविक खेती सभी प्रकार से लाभदायक है. यदि हम एक कृषक की दृष्टि से इसके लाभ जाने तो, उसकी भूमि की उपजाव क्षमता में वृद्धि होती है. सिंचाई अंतराल में बढ़ जाता है. कम पानी की आवश्यकता पड़ती है और बार-बार खेतों को नहीं सींचना पड़ता है. किसान की रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो जाती है, जिससे कास्तकारी की लागत भी कम हो जाती है. किसान की फसलों की उत्पादकता भी में भारी इजाफ़ा होता है. इस विधि के जरिये किसान अपनी आय भी बढ़ा सकता है.

यदि हम जैविक खेती के लाभ को मृदा की दृष्टि से देखें तो, भूमि की गुणवत्ता में भारी इजाफा होता है. भूमि की जल धारण क्षमता कई गुना तक बढ़ जाती है. खेत में जल काफी देर तक ठहरता है. भूमि से जल देरी से वाष्पित होता है.

यदि जैविक खेती के लाभ को पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो, रासायनिक खादों से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है. जल की कम जरुरत के कारण पानी का दोहन नहीं होता है. जैविक खाद को बनाने में कचरे का प्रयोग किया जाता है, जिससे कचरे से होने वाला प्रदूषण भी नहीं होता है. बीमारियां कम हो जाती हैं.

जैविक खेती क्यों महत्वपूर्ण है (why organic farming is important)

यदि आज से ही हमने रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर अपनी निर्भरता खत्म नहीं की तो, इसका हमें खतरनाक खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हमारी मट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाएगी. हमारे जल स्रोत सुख जायेंगे. जैविक खेती अपनाकर हम मट्टी, पानी का क्षरण और दोहन दोंनो ही रोक सकते हैं. इस विधि के इस्तेमाल से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं. रासायनिक अनाज, फल और सब्जियां खाने से कई बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इस विधि के प्रयोग से हम बीमारियों पर भी काबू पा सकते हैं. जैविक खेती शुरू कर हम प्रकृति को नया रूप दे सकते हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए लाभदायक साबित होगा.

जैविक खेती के प्रकार (types of organic farming)

शुद्ध जैविक खेती

जैसी की नाम से जाहिर हो रहा है कि इस विधि में रसायनों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

एकीकृत जैविक खेती

यह एक चक्रीय जैविक खेती की विधि है जिसमें अपशिष्ट पदार्थ को पोषक तत्वों में तब्दील किया जाता है.

भारत में जैविक खेती कैसे शुरू करें (How to start organic farming in india in hindi)

भारत में जैविक खेती शुरू करना काफी आसान है. इसके लिए अलग से किसी नए संसाधन की आवश्यकता नहीं पड़ती है. किसान भाइयों के पास जैविक खेती शुरू करने के लिए आवश्यक चीज़े पहले से मौजूद रहती हैं. किसान भाई उनके सहारे जैविक खेती शुरू कर सकते हैं.

  • इसके लिए सबसे पहले किसान भाइयों के पास गाय का होना जरुरी है.
  • इसके लिए पहले किसान भाई गाय के गोबर को सुखा लें और साथ में एक बड़े ड्रम में गौ मूत्र को भी इकठ्ठा कर लें.
  • गाय के गोबर को किसानों को कम से कम 3-5 दिन तक सुखाना जरुरी है.
  • किसान भाई कम से कम 100 किलों गोबर को सुखाएं.
  • किसान भाई गौमूत्र वाले ड्रम में 20 kg गुड़ डाल दें.
  • ड्रम में गौमूत्र और गुड़ को 2-3 दिन तक सुबह और शाम हिलाए, जिससे गुड़ गौमूत्र में अच्छे से मिक्स हो जाये.
  • गुड़ गौ मूत्र में मौजूद अच्छे जीवाणुओं की संख्या को कई गुना तक बढ़ा देता है.
  • इसके बाद किसान भाई सुखाये गये गोबर को हाथ से मसल कर चाय पट्टी जितना बारीक़ कर लें.
  • फिर किसान भाई ड्रम से 20 लीटर गौ मूत्र को बारीक़ किये हुए 100kg गोबर में मिला दें.
  • गौ मूत्र को गोबर में अच्छे मिलना लेना है.
  • इसके बाद किसान भाईयों को 2kg बेसन लेकर रखना है.यदि बेसन ना भी हो तो किसी भी दाल के पाउडर को रखना है.
  • फिर बेसन या किसी भी दाल के आटे को 100 किलो वाले गोबर में मिला देना है.
  • इसके बाद किसान भाइयों को मिट्टी भी इन्तेजाम करना होगा.
  • ये मिट्टी पीपल के पेड़ के नीचे, बरगद के पेड़ के नीचे या किसी तालब के किनारे की होनी चाहिए.
  • इनके नीचे की मिट्टी में जीवाणु काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जिस कारण इसी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.
  • इस मिट्टी को भी सुखा लेना है और फिर 100 किलो गोबर के साथ मिला लेना है.
  • अब जैविक खाद तैयार हो चुकी है इस खाद को DAP खाद की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • इस खाद का नाम जीवामृत खाद कहते हैं.
जैविक और अजैविक खेती में अंतर (difference between organic and inorganic farming)
  • जैविक खेती में ना के बराबर रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है जबकि अजैविक खेती में रसायनों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है.
  • जैविक खेती में मृदा की उर्वरक शक्ति बढ़ती है जबकि अजैविक खेती में उर्वरक शक्ति को नुकसान होता है.
  • जैविक खेती से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है, जबकि अजैविक खेती से पर्यावरण को नुकसान होता है.
  • जैविक खेती से भूमि की जल धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है, जबकि अजैविक खेती से कम हो जाती है.
  • जैविक खेती में बार-बार पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है, जबकि अजैविक में बार-बार खेत सींचना पड़ता है.
  • जैविक में पानी देर से वाष्पित होता है, जबकि अजैविक में पानी जल्दी-जल्दी वाष्पित होता है.
  • जैविक खेती सस्ती है जबकि अजैविक खेती काफी महंगी है.
जैविक खेती के नुकसान (organic farming disadvantage)
  • जैविक खेती की अधूरी जानकारी या जानकारी का आभाव.
  • जैविक पदार्थों का आभाव.
  • निर्यात की मांग पूरी न कर पाना.
  • सरकार द्वारा जैविक खेती की तरफ ध्यान न देना.
  • सरकार द्वारा जैविक पदार्थों में रासायनिक पदर्थों की तुलना में कम सब्सिडी देना.
  • सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए पीकेवीवाई योजना को अच्छे से लागू न करना.
  • जैविक खेती की निति 2005 से चली आ रही है उसमें कोई बदलाव न करना.
जैविक खेती के लिए रजिस्ट्रेशन (jaivik kheti registration)

जैविक खेती के लिए रजिस्ट्रेशन करना के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं. ये सरकार द्वारा दी गई वेबसाइट है.https://dmsouthwest.delhi.gov.in/hi/scheme/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A4%BF-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C/

जैविक खेती की ट्रेनिंग(jaivik kheti training)

जैविक खेती की ट्रेनिंग के लिए आप हमसे सम्पर्क कर सकते हैं. आप हमारे नंबर 9205632859 पर कॉल कर सकते हैं और ट्रेनिंग ले सकते हैं.

जैविक खेती पीडीएफ(organic farming PDF)

जैविक खेती क्या है ?

खेती की वह विधि जिसमें रासायनिक उर्वरकों, खाद और कीटनाशकों का ना के बराबर इस्तेमाल किया जाता है.

जैविक खेती कितने प्रकार की होती है ?

जैविक खेती मुख्य रुप से दो प्रकार की होती है. पहली शुद्ध जैविक खेती और दूसरी एकीकृत जैविक खेती.

आर्गेनिक खेती में क्या-क्या आता है ?

पुआल, घास-फुस, पतियां, कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, वर्मीवॉश, नादेप कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद, सीपीपी आदि आता है.

जैविक खेती के लाभ ?

किसान की रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो जाती है,भूमि की गुणवत्ता में भारी इजाफा होता है, भूमि की जल धारण क्षमता कई गुना तक बढ़ जाती है,रासायनिक खादों से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है.

जानें धान में डीएपी खाद की जगह कौन सी खाद डालें, जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा | Dhaan me DAP ki jagah kaun si khad daalen

दोस्तों, इस समय धान की रोपाई रफ़्तार पकड़ चुकी है. देश के कई हिस्सों में पौध रोपाई के लिए तैयार हो चुकी है, तो कहीं रोपाई भी शुरू हो चुकी है. इस वक़्त किसान भाईयों को बेहतर पैदावार के लिए कई बातों का ध्यान देना ज़रूरी है, जिसमें खाद और कीटनाशकों का प्रयोग प्रमुख रूप से शामिल है. गलत खाद का प्रयोग न केवल धान की पौध को ख़राब करेगा बल्कि समय और पैसे की भी बर्बादी भी करेगा.वैसे धान की रोपाई के समय डीएपी खाद का प्रयोग करना सबसे बेस्ट माना जाता है, लेकिन कई किसान भाई इससे भी बेहतर विकल्प की तलाश में होते हैं. इस लेख में हम आपको Dhaan Me DAP khad Ki Jagah Kaun Si Khad Daalne के बारे में बताने जा रहे हैं.

धान में डीएपी खाद की जगह कौन सी खाद डालें का उद्देश्य| Dhaan me DAP khad ki jagah kaun si khad daalen Ka mahtwa

अक्सर महंगी खाद के चलते लागत में इजाफ़ा हो जाता है और किसानों का मुनाफा कम. इसलिए हम आपको महंगे डीएपी खाद का एक विकल्प दे रहे हैं जिससे कम लागत में ज़्यादा मुनाफा होगा. डीएपी खाद के विकल्प की तलाश करने के पीछे का उद्देश्य लागत कम और मुनाफे को डबल करना है.

रोपाई के वक़्त धान में डीएपी खाद की जगह कौन सी खाद डालें| Dhaan Me DAP Khad Ki Jagah Kaun si Khaad Daalen

इस वक़्त तक सभी किसान भाइयों की धान की पौध तैयार हो चुकी होगी. अब किसान भाई धान रोपाई की तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान किसान भाईयों को धान की पौध का काफ़ी ख्याल रखना होता है. सिंगल सुपर फॉस्फेट के साथ में यूरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यूरिया की मात्रा बढ़ा कर डालना होगा. किसी भी फसल में यदि सिंगल सिंगल सुपर फॉस्फेट डाली जाती है तो हमेशा यूरिया की ज्यादा मात्रा का इस्तेमाल किया जाता है.

सिंगल सुपर फॉस्फेट में यूरिया ज्यादा मात्रा में मिलाना क्यों जरुरी ?

सिंगल सुपर फॉस्फेट में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग जीरो के करीब होती है. नाइट्रोजन पौधे को वृद्धि करने में मदद करती है. नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए इसमें यूरिया को मिलाना अति आवश्यक होता है. वहीं डीएपी में नाइट्रोजन भरपूर मात्रा में होती है और अलग से नाइट्रोजन मिलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसलिए किसान भाई जब भी डीएपी खाद विकल्प खोजें या किसी कारणवश डीएपी दुकान में उपलब्ध न हो तो सिंगल सुपर फॉस्फेट में यूरिया मिलाकर इस्तेमाल कर सकते थे.

जानें, किस महीने कौन सी सब्जी उगाने से होगा ज्यादा लाभ| Kuan Si Sabji Kab lagaye| when to grow which vegetables

Kuan Si Sabji Kab Lagaye|कौन सी सब्जी कब उगायें |What Season To Farm|When To Grow Which Vegetables| Jan me kaun si sabji| feb me kaun si sabji| march me kaun si sbji| april me kaun sbji|

दोस्तों मौसम के अनुसार फल और सब्जी उगाने से न केवल लाभ ज्यादा होता है, बल्कि लागत भी कम आती है. दोस्तों अच्छी फसल के इस लेख के माध्यम से आपको Kuan Si Sabji Kab Lagaye सही मौसम और महीना बता रहे हैं. जिसका पालन कर के आप ज़्यादा मुनाफ़ा और लागत को कम कर सकते हो.आप से अनुरोध है सही और पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.

कौन सी सब्जी कब लगाये का महत्व | Kuan Si Sabji Kab Lagaye ka mahtwa

किसी भी फल या सब्जी को अंकुरित या बढ़ने के लिए ख़ास तापमान और वातावरण की ज़रूरत होती है. यदि हम इसी के अनुरूप सब्जियों का उत्पादन करते हैं, तो हमें कम लागत में ज्यादा मुनाफ़ा मिलता है. इसी के विपरीत यदि हम मौसम के विपरीत साक-सब्जियों का उत्पादन करते हैं, तो हमें ज़्यादा मेहनत के साथ ही ज्यादा पैसा भी खर्च करना पड़ता है. इसलिए कम लागत में ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के लिए कौन सी सब्जी कब उगानी चाहिए, उसके महत्व को समझना ज़रूरी है.

कौन सी सब्जी कब उगाये | Kuan Si Sabji Kab Lagaye

अलग-अलग सब्जियों को इस प्रकार लगाएं.

जनवरी महीने में उगाई जाने वाली सब्जियां, दाल और फल| January me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाम महीना बीज दर
राजमा, शिमला मिर्च, मूली, पालक, बैंगन, चप्‍पन कद्दूजनवरी अपनी जमीन के अनुसार
शिमला मिर्चजनवरी अपनी जमीन के अनुसार
मूली जनवरी अपनी जमीन के अनुसार
पालक जनवरीअपनी जमीन के अनुसार
बैंगन जनवरीअपनी जमीन के अनुसार
चप्पन कद्दू जनवरीअपनी जमीन के अनुसार
खरबूजा जनवरीअपनी जमीन के अनुसार
राजमा जनवरी अपनी जमीन के अनुसार

जनवरी महीने में उगाई जाने वाली सब्जियां, दाल और फल| feb me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
खरबूजाफ़रवरी अपनी जमीन के अनुसार
खीरा-ककड़ीफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
लोबियाफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
करेलाफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
लौकीफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
तुरईफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
पेठाफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
तुरईफ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
तरबूज फ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
पालक फ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार
फूलगोभी फ़रवरीअपनी जमीन के अनुसार

मार्च महीने में लगाई जाने वाली फल, सब्जियां और दाल|march me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
पेठामार्च अपनी जमीन के अनुसार
खीरा-ककड़ीमार्चअपनी जमीन के अनुसार
लोबियामार्चअपनी जमीन के अनुसार
करेलामार्चअपनी जमीन के अनुसार
लौकीमार्चअपनी जमीन के अनुसार
तरबूज मार्चअपनी जमीन के अनुसार
खरबूज मार्चअपनी जमीन के अनुसार
तुरईमार्चअपनी जमीन के अनुसार
भिन्डी मार्चअपनी जमीन के अनुसार
अरबी मार्चअपनी जमीन के अनुसार
ग्वार मार्चअपनी जमीन के अनुसार

अप्रैल महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें |April me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
चौलाई अप्रैल अपनी जमीन के अनुसार
मूली अप्रैलअपनी जमीन के अनुसार

मई महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|may me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
फूलगोभीमई अपनी जमीन के अनुसार
बैंगन मईअपनी जमीन के अनुसार
प्याज मईअपनी जमीन के अनुसार
मूली मईअपनी जमीन के अनुसार
मिर्च मईअपनी जमीन के अनुसार

जून महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|June me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
फूलगोभीजून अपनी जमीन के अनुसार
खीरा-ककड़ीजूनअपनी जमीन के अनुसार
लोबियाजूनअपनी जमीन के अनुसार
करेलाजूनअपनी जमीन के अनुसार
लौकीजूनअपनी जमीन के अनुसार
तुरई जूनअपनी जमीन के अनुसार
पेठा जूनअपनी जमीन के अनुसार
बीन जूनअपनी जमीन के अनुसार
भिन्डी जूनअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर जूनअपनी जमीन के अनुसार
प्याज जूनअपनी जमीन के अनुसार
चौलाई जूनअपनी जमीन के अनुसार
शरीफा जूनअपनी जमीन के अनुसार

जुलाई महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|July me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
फूलगोभीजुलाई अपनी जमीन के अनुसार
खीरा-ककड़ी जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
लोबिया जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
करेला जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
लौकी जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
तुरई जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
पेठा जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
भिन्डी जुलाईअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर जुलाईअपनी जमीन के अनुसार

अगस्त महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|August me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
गाजरअगस्त अपनी जमीन के अनुसार
खीरा-ककड़ी अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
शलजम अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
फूलगोभी अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
बीन अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
काली सरसों अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
पालक अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
धनिया अगस्तअपनी जमीन के अनुसार
ब्रसल्‍स स्‍प्राउटअगस्तअपनी जमीन के अनुसार
चौलाई अगस्तअपनी जमीन के अनुसार

सितम्बर महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|September me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
गाजरसितम्बर अपनी जमीन के अनुसार
आलू सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पत्ता गोभी सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
सौंफ सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
कोहिराबी सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
ब्रोकोली सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
शलजम सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
फूलगोभी सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
बीन सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
काली सरसों सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पालक सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार
धनिया सितम्बरअपनी जमीन के अनुसार

अक्टूबर महीने में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें| October me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
गाजरअक्टूबर अपनी जमीन के अनुसार
मटर अक्टूबर
हरी प्याज अक्टूबर
आलू अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
पत्ता गोभी अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
सौंफ अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
कोहिराबी अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
ब्रोकोली अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
शलजम अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
पत्ता गोभी अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
बीन अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
काली सरसों अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
पालक अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार
धनिया अक्टूबरअपनी जमीन के अनुसार

नवम्बर माह में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें|Noverber me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
चुकन्‍दरनवम्बर अपनी जमीन के अनुसार
मटर नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
हरी प्याज नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
आलू नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पत्ता गोभी नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
सौंफ नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
शिमला मिर्च नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
शलजम नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पत्ता गोभी नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
टमाटर नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
काली सरसों नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पालक नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार
धनिया नवम्बरअपनी जमीन के अनुसार

दिसम्बर माह में उगाई जाने वाली सब्जी, फल और दालें| December me kaun si sabji lagayen

फल /सब्जी /दाल के नाममहीनाबीज दर
टमाटरदिसम्बर अपनी जमीन के अनुसार
काली सरसों दिसम्बरअपनी जमीन के अनुसार
मूली दिसम्बरअपनी जमीन के अनुसार
पालक दिसम्बरअपनी जमीन के अनुसार
बैंगन दिसम्बरअपनी जमीन के अनुसार

एक ही पोर्टल से ऑनलाइन बनाएं स्थायी निवास से लेकर चरित्र प्रमाण पत्र तक| uttarakhand e district

e district Uttarakhand|ई डिस्ट्रिक्ट उत्तराखंड | e district Uk| ई डिस्ट्रिक्ट यूके | e-district Uk| uk e district|uttarakhand e district| उत्तराखंड ई डिस्ट्रिक्ट| Online Birth certificate for uttarakhand| death certificate uttarakhand online|https://edistrict.uk.gov.in

दोस्तों यदि आप उत्तराखंड में रहते हैं, तो आपको कई प्रकार के दस्तावेजों की ज़रूरत पड़ती है. जिसमें स्थायी निवास, चरित्र प्रमाण,हैसियत,आय, जाति, उत्तरजीवी, पर्वतीय, स्वतंत्रा सेनानी आश्रित प्रमाण-पत्र,जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि शामिल हैं. आपको अब इन दस्तावेज़ के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूत नहीं है. आप अपने सारे काम https://edistrict.uk.gov.in/ पोर्टल के ज़रिये पूरे कर सकते हैं. इस लेख के माध्यम से e district Uk द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे बतायेंगे और उनका लाभ कैसे ले सकते हैं.

Uttarakhand E District का संक्षिप्त विवरण
नाम उत्तराखंड ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल
अधिकारिक वेबसाइट https://edistrict.uk.gov.in/
सेवाएं स्थायी निवास, चरित्र प्रमाण,हैसियत,आय, जाति, उत्तरजीवी, पर्वतीय, स्वतंत्रा सेनानी आश्रित प्रमाण-पत्र,जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र
सम्पर्क https://edistrict.uk.gov.in/
Uttarakhand E District का उद्देश्य

ई डिस्ट्रिक्ट यूके स्टेट मिशन मोड परियोजना है, जो ई गवर्नेंस योजना के तहत चलाई जा रही है. इस पोर्टल का उद्देश्य जन केन्द्रित सेवाओं को कम्पयूटरीकरण करना है. आसन शब्दों में कहें तो, जरुरी दस्तावेज़ को इंटरनेट की मदद से उपलब्ध करना है. जिससे सरकारी सेवाओं का लाभ लेने वाले व्यक्ति के समय की बचत हो और उसे बिना कही जाये ही आसानी दस्तावेज़ उपलब्ध हो जायें.

E District Uttarakhand के द्वारा दी जाने वाली सेवाएं

https://edistrict.uk.gov.in/ पोर्टल के तहत लगभग सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. उनके नाम इस प्रकार हैं.

  • स्थायी निवास
  • चरित्र प्रमाण
  • हैसियत या आय
  • जाति
  • उत्तरजीवी
  • पर्वतीय
  • स्वतंत्रा सेनानी आश्रित प्रमाण-पत्र
  • जन्म प्रमाण-पत्र
  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • नया परिवार जोड़ना
  • परिवार को पृथक करना
  • परिवार संसोधन
  • विकलांग
  • विधवा
  • वृद्ध व्‍यक्तियों के कल्‍याण हेतु विकलांग पेंशन
  • विधवा पेंशन, वृद्धावस्‍था पेंशन
  • आपदा संबंधित मुआवजा
  • खाद्य लाइसेंस
E District Uk के उपयोगकर्ता

ये सुविधा प्रदेशवासियों और बाह्य लोगों को उत्तराखंड सरकार द्वारा दी जा रही है. सरकार द्वारा दी जा रही यह सुविधा काफी लाभदायक है. इसके जरिये प्रदेशवासियों का वक़्त और पैसा की बचत हो रही है. इसके जरिये उन्हें घर बैठे ही सभी प्रमाण पत्र हासिल करने का माध्यम मिल रहा है . इसके कुल उपयोगकर्ता इस प्रकार हैं.

अतिथि उपयोगकर्ता 1858748
बाह्य उपयोगकर्ता 115719
सी.एस.सी उपयोगकर्ता 7964
ई-डिस्ट्रिक्ट उपयोगकर्ता 11315
E District UK पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें

E District Uttarakhand पर रजिस्ट्रेशन करना बहुत ही आसान है. आप नीचे दिए गये स्टेप्स को फॉलो कर के रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

  • इसके के लिए सबसे पहले आपको अधिकारिक वेबसाइट https://edistrict.uk.gov.in/ पर जाना होगा.
  • वेबसाइट खुलते ही आपको रजिस्ट्रेशन का आप्शन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करना होगा. जैसा की नीचे स्क्रीनशॉट में दिखाई दे रहा है.
alt=" E district Uttarakhand registration
  • रजिस्ट्रेशन के आप्शन पर क्लिक करते ही दो सब मेनू दिखाई देंगे, जिसमें आपको आवेदक पंजीकरण पर क्लिक करना होगा. जैसा कि नीचे स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है.
alt="e district uttarakhand avedak panjikaran"

इसके बाद नया पेज खुल जायेगा जिसमें आपको इन सभी बॉक्स को भरना होगा.

  • Name of applicant
  • Mobile number
  • Address of applicant
  • District
  • Tehsil
  • Mail Id
  • captcha
E district Uttarakhand User regustration

E District User Log In

  • e district user log in के लिए पहले आपको अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
  • वेबसाइट खुल जाने के बाद log in के आप्शन पर क्लिक करना होगा. जैसे कि नीचे स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है.
alt="E District User Log In"
  • ऊपर दी गयी सभी जानकारी को भरकर आप Log In कर सकते हैं.
E District UK Digital Locker
  • ई डिस्ट्रिक्ट यूके, डिजिटल लॉकर की सुविधा भी देता है. जिसमें आप अपने सारे दस्तावेज़ो को सुरक्षित रख सकते हैं.
  • इसके लिए आपको पहले अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा
  • फिर आपको नीचे स्क्रीनशॉट में दिखाए बॉक्स को भरना होगा.
alt=" e district uk digital locker
E District Uttarakhand Mobile App

उत्तराखंड सरकार ने ई डिस्ट्रिक्ट उत्तराखंड की मोबाइल ऐप भी बनाई हुई है. इससे अप लोग प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इसके माध्यम से आपको कई सारी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

ऐसे चेक करें पीएम किसान लाभार्थी स्टेटस | pm kisan gov beneficiary status

Pm Kisan Gov Beneficiary Status चेक करने से सम्बंधित जानकारी, इस आर्टिकल में उपलब्ध है. जिन किसान भाइयों ने किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन किया है, वो कुछ स्टेप्स का पालन कर के स्टेटस चेक कर सकते हैं. इसके लिए किसान भाइयों को किसी भी साइबर कैफ़े में जाने की जरूरत नहीं है. यह लेख PM kisan beneficiary status check करने के लिए स्टेप by स्टेप गाइड करेगा. आपसे अनुरोध है कि pmkisan.gov.in beneficiary status चेक करने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.

मोदी सरकार ने किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए Kisan samman nidhi Yojana की शुरुआत थी. इस योजना के तहत किसानों के खाते में हर चार महीने में 2000 रूपये भेजे जाते हैं. केंद्र सरकार अभी तक इस योजना की आठ किस्त किसानों को भेज चुकी है. ऐसा माना जा रहा है अगस्त से किसानों के खाते में 9वीं क़िस्त आनी शुरू हो जाएगी.

Pm Kisan Beneficiary Status क्या है ?

इस सुविधा ज़रिये किसान सरकार द्वारा भेजी गयी क़िस्त का पता लगा सकते हैं. इसकी सुविधा https://www.pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर उपलब्ध है. पोर्टल तीन माध्यम से स्टेटस चेक करने की सुविधा प्रदान करता है. जिसमें आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खाता संख्या शामिल है.

pmkisan.gov.in beneficiary status चेक करना क्यों जरुरी है ?

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को समय-समय पर स्टेटस चेक करना ज़रूरी है. यदि लाभार्थी किसान ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भेजी गयी क़िस्त की जानकारी हासिल नहीं होगी. कई बार गलत जानकारी भरने के कारण किसान भाइयों के पैसे भी अटक जाते हैं. किसान भाई कई बार खाता संख्या, IFSC कोड और आधार कार्ड नंबर भरने में गलती कर देते हैं. जिस कारण उनकी क़िस्त अटक जाती है, यदि किसान भाई स्टेटस चेक करेंगे तो उन्हें क़िस्त की स्थिति का पता चल जायेगा. साथ ही किसान भाइयों को गलती सही करने की जानकारी भी हासिल हो जाएगी.

PM kisan gov beneficiary status के मुख्य अंश
योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
योजना का उद्धेश्य किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना
लाभार्थी छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम ज़मीन है
सहायता राशि 2000 रूपये की तीन क़िस्त यानि सालाना 6000 रूपये
अधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/
Pm Kisan Beneficiary Status कैसे चेक करें ?

पीएम किसान लाभार्थी स्टेटस चेक करने के लिए सबसे पहले इसकी अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ है.

alt="PmKisan.gov.in official website"

फिर आपको पेज को स्क्रोल करना होगा, जहाँ आपको दाएं हाथ की तरफ फार्मर कार्नर दिखाई देगा . जैसा की आप स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है.

alt="farmer corner in kisan samman nidhi yojana"

इसके बाद आपको पेज स्क्रॉल करना होगा जहाँ आपको Beneficiary Status के बॉक्स पर क्लिक करना होगा.

alt="PM kisan gov beneficiary status"

क्लिक करते ही एक नया पेज खुल जायेगा, जैसा की स्क्रीनशॉट में दिखाई दे रहा है

Alt="pmkisan.gov.in beneficiary status"

नया पेज खुलेगा. इसके बाद किसान भाई लाभार्थी स्टेटस चेक कर सकते हैं. इसके लिए किसान आधार, अकाउंट और मोबाइल नंबर चाहिए.

निष्कर्ष

दोस्तों किसान सम्मान निधि योजना पर लिखा गया यह लेख आपको कैसा लगा. कमेंट कर ज़रूर बतायें. यह लेख किसानों की लाभार्थी स्टेटस से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए लिखा गया है. किसान भाई ऊपर बताये गये स्टेप्स को फॉलो कर आसानी से स्टेटस जान सकते हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना: ब्याज दर में नहीं हुआ कोई बदलाव | How to apply for Sukanya Samriddhi Yojana In Hindi

केंद्र सरकार देश की बेटियों का भविष्य सरवारने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों का भविष्य संवारने का काम करती है. sukanya samriddhi yojana in Hindi में योजना के बारे में सबकुछ जानने को मिलेगा. जिसमें सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज दर, कैसे अप्लाई करें, किन दस्तावेज़ की जरूत है और योजना की पात्रता क्या है आदि शामिल है. आपसे अनुरोध है योजना का लाभ उठाने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.

Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi

यदि आप एक बेटी के पिता हैं तो यह योजना आपके लिए अन्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी. बेटी की पढ़ाई और शादी के वक़्त एकमुश्त रकम प्राप्त करने के लिए आपको इसमें निवेश करना चाहिए. इस योजना को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत लॉन्च किया गया है. Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi में निवेश करने पर आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं साथ ही इस योजना में निवेश करने पर आप टैक्स सेविंग भी कर सकते हैं. इस योजना के तहत आप केवल 250 रूपये में खाता खुलवा सकते हैं.

what is Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi
  • यह बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए केंद्र सरकार की छोटी बचत योजना है.
  • यह छोटी बचत योजनाओं में सबसे शानदार रिटर्न देने वाली योजना है.
  • इसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत शरू किया गया है.
  • इसमें 7.60% के साथ ब्याज दिया जा रहा है.
  • इसम योजना में निवेश करने वाले को टैक्स राहत भी दी जाती है.
  • इसके माध्यम से बेटियों की शिक्षा और शादी के वक़्त एकमुश्त रकम प्राप्त करने में सहायता मिलती है.
  • यह योजना कम आमदनी वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है.
Who can invest in sukanya samridhhi yojana in hindi ?
  • Sukanaya Samridhi Account किसी भी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है.
  • बेटी की उम्र 10 साल से कम होने पर उसके नाम से खाता खोला जा सकता है.
  • एक बेटी के नाम पर केवल एक ही खाता खोलना सम्भव है.
  • मां-बाप बेटी के नाम पर अलग-अलग खाता नहीं खोल सकते हैं.
  • परिवार की केवल दो बेटियों के नाम पर ही खाता खोलने की अनुमति है.
  • यदि किसी दम्पति के दो जुड़वां या तीनों बेटियां हों, तब भी दो के नाम पर खाता खोलने की अनुमति है.
सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूतम और अधिकतम कितना पैसा जमा किया जा सकता है ?
  • योजना का खाता न्यूनतम 250 रूपये में खोला जा सकता है.
  • खाता खुलने के बाद प्रत्येक वित्त वर्ष न्यूनतम 250 रूपये जमा करने आवश्यक हैं.
  • यदि कोई प्रत्येक वर्ष न्यूनतम राशि जमा करने में असमर्थ रहता है तो उसे सामान्य खाता माना जायेगा.
  • इस खाते में एक वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रूपये जमा करने की अनुमति है.
  • पैसा जमा कराने में असफल होने पर पेनल्टी के साथ फिर से जमा कराया जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोलने के लिए किन-किन दस्तावेज़ की ज़रूरत पड़ती है ?
  • अकाउंट खोलने के लिए SSY फॉर्म की जरूरत होती है
  • सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोलने के लिए के जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है.
  • इसके लिए अभिभावक के पैन कार्ड और आधार कार्ड की भी जरूरत होती है.
  • अभिभावक के पास एड्रेस प्रूफ के तौर वोटर आईडी का होना भी जरुरी है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट कहां खोला जा सकता है ?
  • योजना का खाता किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है.
  • खाते को भारत में कहीं भी एक डाकघर / बैंक से दूसरे में स्थानांतरित किया जा सकता है
मेच्योरिटी की अवधि
  • खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष पूरा होने के बाद योजना परिपक्व होगी.
  • योजना के नियमों के अनुसार, खाता खोलने की तारीख से 15 साल पूरे होने तक हर साल एक जमाकर्ता को जमा करना होता है.
  • 9 साल की बच्ची के मामले में यह 24 साल में मैच्योर हो जाएगी.
sukanya samriddhi yojana interest rate 2021

केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से इसकी ब्याज दर में कटौती करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने निर्णय फिर से बदल दिया. वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर 7.60% है. कई जगह पर इसकी ब्याज दर 6.9% लिखी गई है जो की गलत है.

Sukanya Samriddhi Yojana In Highlights
योजना का नाम सुकन्या समृद्धि योजना
किसके द्वारा शुरू की गई केंद्र सरकार
किसके लिए बेटियों के भविष्य के लिए
किसके अंतर्गत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
ऑफिसियल वेबसाइट http://www.nsiindia.gov.in/InternalPage.aspx?Id_Pk=89
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निष्कर्ष

Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi कम आय के लिए लोगों के बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. इसमें निवेश करने के बाद उन्हें बेटी की शादी और पढ़ाई वक़्त सहायता मिल जाएगी.

एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन पर्यटकों के लिए खुला|asia’s largest tulip garden open for all

एशिया के सबसे बड़े (asia’s largest tulip garden) को 25 मार्च से पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा. ये गार्डन आने वाले एक महीने तक आम पर्यटकों के लिए खुला रहेगा.ट्यूलिप गार्डन कश्मीर के जबरवान पहाड़ियों की तलहटी और डल झील के किनारे पर स्थित है.यह गार्डन कुल 90 एकड़ के बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है,जिसमें 15 लाख से ज़्यादा ट्यूलिप के फूल और 62 ट्यूलिप की किस्में मौजूद हैं. ट्यूलिप के फूलों को सर्दी के मौसम के शुरू होने से पहले उगाया जाता है और ये अप्रैल के मध्य तक पूरी तरह खिल जाते हैं.

प्रधानमंत्री ने एशिया सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन घूमने की अपील की |Prime Minister appeals to visit Asia’s largest tulip garden

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को ट्वीट कर देशवासियों से ट्यूलिप गार्डन घुमने की अपील की. उन्होंने कहा जब आपको मौका मिले जम्मू-कश्मीर घूमने जायें. ट्यूलिप समारोह लुफ्त उठाएं. इसके साथ उन्होंने बोला इसके माध्यम से जम्मू-कश्मीर का आतिथ्य का अनुभव भी करें.

गार्डन घुमने का सही समय

Tulip Garden घुमने का सही समय मार्च से अप्रैल के दौरान है. इस दौरान ट्यूलिप के फूल पूरी तरह से खिले हुए रहते हैं. ट्यूलिप के फूलों को शर्दी का मौसम शुरू होने से पहले उगाया जाता है. अप्रैल महीने में ट्यूलिप फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है. सैलानी ट्यूलिप गार्डन घूमने के साथ ही ट्यूलिप फेस्टिवल का भी आनंद ले सकते हैं.

Asia’s largest tulip garden

पहले बगीचा घुमने के लिए पर्यटकों को टिकट लेने की ज़रूत होती थी. इसके बाद ही पर्यटक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक गार्डन घूम सकते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. सैलानी कभी भी ट्यूलिप गार्डन घुमने जा सकते हैं.

गार्डन प्रवेश शुल्क | Tulip Garden Entry Fee

बगीचा घूमने का प्रवेश शुल्क वयस्कों और बच्चों के लिए अलग-अलग था. युवाओं के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपये और बच्चों के लिए प्रवेश शुल्क 25 रुपये तय किया गया था, लेकिन पिछले साल कोरोना की मार के कारण यहां घूमना प्रतिबंधित था जिस कारण यहां कोई भी पर्यटक नहीं आया. जम्मू-कश्मीर सरकार ने गार्डन घूमने का कोई शुल्क तय नहीं किया है. इस बार पर्यटक मुफ़्त गार्डन घूम सकते हैं.

ट्यूलिप गार्डन का इतिहास | History of tulip garden srinagar

इसके पौधों की उत्त्पति फारस से हुई है जिसे वर्तमान समय में ईरान के नाम से जाना जाता है. इसके बाद17वीं शताब्दी में यह यूरोप में उगाया जाने लगा. जहां इसकी कई सारी किस्मों को विकसित किया गया. हॉलैंड दुनिया में सबसे ज्यादा ट्यूलिप के फूलों का उत्पादन करने वाला देश है. ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर के लिए भी हॉलैंड से पौधें आयात किए गये हैं.