केंद्र सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. सरकार इसके लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसमें केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी Kusum Yojana भी शामिल है. इस योजना को बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को ध्यान में रखकर शुरू किया है. इसके सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले डीजल और बिजली के पम्प को सोलर पम्प से चलाया जाएगा. इस योजना के माध्यम से किसान भाई अपने उपयोग के साथ-साथ बिजली को बेच भी सकेंगे.
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कुसुम योजना (Kusum Yojana) को कब शुरू किया गया |When kusum scheme started in hindi
इस योजना का ऐलान साल 2018-19 के बजट सत्र में किया गया था. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना को मार्च 2019 में औपचारिक रूप से स्वीकृति मिली लेकिन इसके लिए दिशा-निर्देश जुलाई 2019 में बनकर तैयार हुए. इस योजना का विस्तार साल 2020 के बजट में किया गया.
कुसुम योजना( Kusum Yojana) का उद्देश्य | Objective of Kusum Scheme in hindi
किसान भाइयों को फसल की सिंचाई करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कम पानी के कारण किसानों को कई बार नुकसान उठाना पड़ता है. केंद्र सरकार की कुसुम योजना के ज़रिये किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा पम्प या उपकरण लगा सकते हैं. कुसुम योजना का लाभ लेकर किसान अपनी ज़मीन पर सोलर पैनल लगा सकते हैं. इसके माध्यम से बनने वाली बिजली का उपयोग किसान खेती के लिए कर सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार ने साल 2022 तक 25750 मेगावाट बिजली उत्पाद का लक्ष्य भी रखा है.
कुसुम योजना का पूरा नाम | Full form of Kusum Yojana in Hindi
कुसुम योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान है. इस योजना के तहत 20 लाख सोलर पम्प किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. किसानों को सोलर पैनेल लगाने के लिए केवल 10% का भुगतान करना होगा. बाकी की 60% रकम केंद्र सरकार किसानों के खातों में सब्सिडी के तौर पर ट्रान्सफर करेगी. बैंक इसके लिए 30% लोन मुहैया करायेंगे. इस लोन की भरपाई किसान भाई बिजली उत्पादन के ज़रिये कर सकते हैं.
निष्कर्ष
केंद्र सरकार की कुसुम योजना न केवल किसानों के लिये लाभदायक है बल्कि लीज पर लैंड लेकर व्यापार करने वाले के लिए भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.