दोस्तों, यदि आप एक छात्र हैं तो आप आसान भाषा में जलवायु की परिभाषा जानें. जब आप इससे बेहतर तरीक़े जान पाएंगे तभी एक बेहतर किसान किसान बन पाएंगे. एक किसान जलवायु को महसूस करता है और इसी के अनुसार अपनी खेती करता है. वैसे कृषि हो या अन्य क्षेत्र सभी के लिए जलवायु का महत्व होता है और जलवायु की परिभाषा जानना न केवल किसान के लिए ज़रूरी है, बल्कि आम नागरिक के लिए भी इस बारे में जानकारी रखना ज़रूरी है. खेती-बाड़ी करने के लिए केवल उत्तम मिट्टी ही सबकुछ नहीं होती है. उत्तम मिट्टी में चाहे आप उत्तम खाद और उत्तम बीज डाल दें, यदि उत्तम जलवायु का उत्तम जलवायु का ज्ञान नहीं होगा तो सब बेकार हो सकता है.
जानें जलवायु की परिभाषा
जलवायु शब्द जल और वायु से मिलकर बना है. इसे उर्दू में आबहवा( Jalvayu in urdu) कहते हैं. आब का अर्थ जल या पानी से है और हवा का सम्बन्ध वायु से है. पानी का सम्बन्ध यहां वर्षा से है और वायु का सम्बन्ध उन हवाओं से है जो हमारे चरों तरफ़ के वातावरण को प्रभावित करती हैं. ये कभी हमारे चारों तरफ़ नमी, तो कभी गर्मी उत्पन्न करती हैं. वर्षा भी कुछ ऐसा ही काम करती है. जिससे हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि जलवायु कोई गर्मी और ठंडक देने वाली वस्तु है. इन सभी चीजों का अनुभव हम ख़ुद से करते हैं, लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएं या चीज़े होती हैं जिनका अहसास हम स्वयं से नहीं कर पाते हैं. उन्हीं वस्तुओं को जलवायु कहते हैं. सीधे शब्दों में कहे तो किसी स्थान की गर्मी, नमी, सर्दी और वर्षा का मिला जुला प्रभाव ही जलवायु है. जलवायु को इंग्लिश में क्लाइमेट कहते हैं ( Jalvyu in english)
जलवायु और मौसम में अंतर
यदि हम जलवायु की परिभाषा में गढ़ने व्यस्त रह गए तो हमारे हाथ से इसे महसूस करने का मौक़ा छूट जाएगा. अक्सर लोग जलवायु और मौसम को एक ही समझते हैं और मौसम के स्थान पर जलवायु और जलवायु के साथ पर मौसम का प्रयोग करते हैं. जोकि बिल्कुल ग़लत है. इससे न केवल हम ख़ुद भ्रमित होते हैं बल्कि हम दूसरों तक भी ग़लत ज्ञान का संचार करते हैं. मौसम किसी विशेष दिन या स्थिति को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है. यह किसी विशेष दिन की गर्मी, नमी, ठंडक और हवा की जानकारी देता है.यदि कई दिन, सप्ताह और महीनों तक तापमान एक जैसा रहता है तो उसे हम ऋतू कहते हैं. इसे एक उदाहरण के ज़रिये समझते हैं. यदि किसी दिन तापमान सामान्य तापमान से नीचे चला जाता और तापमान कई दिन या महीनों तक बढ़ता ही नहीं है या बढ़ता भी तो नाममात्र का, तो हम बोलते हैं ठण्ड या जड़ों के दिन आ गए हैं. ऐसा ही गर्मी में होता है.मौसम हमें एक छोटे समय के तापमान की स्थति ज्ञात करता है जबकि जलवायु लंबे समय में मौसम की स्थिति की जानकारी देती है. हमें लंबे समय तक मौसम का अध्यन करने पर ही जलवायु का सही अंदाज़ा होता है. सीधे शब्दों कहे तो मौसम हमें कई दिन और सप्ताह की घटनाओं एंव तापमान के बारे में जानने के बाद ज्ञात होता है.