नौकरी छोड़ साल 2019 में बनाई पशु आहार बनाने की कम्पनी, एक साल में टर्नओवर 60 लाख के पार

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दोस्तों, किसी सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति के लिए नौकरी छोड़ अपना व्यवसाय शुरू करना काफ़ी मुश्किल होता है. नया व्यवसाय शुरू करने में कई जोख़िम होने के साथ ही उसके सफल होने की प्रतिशता भी काफ़ी कम होती है. मध्यप्रदेश के राजगढ़ के रहने वाले विपिन दांगी (Vipin Dangi) ने इसकी चिंता किये बिना साल 2019 में पशु आहार बनाने का व्यवसाय शुरू किया और वो इसे एक साल के भीतर ही सफ़लता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सफल हुए. आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 60 लाख रूपये के आंकड़ें को भी पार कर चुका है. यह सब उन्होंने एक साल के भीतर किया.

आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई के साथ जॉब करनी पड़ी

विपिन दांगी एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं. जिस कारण उन्हें आर्थिक तंगी के चलते कॉलेज के दौरान के हॉस्पिटल में जॉब करना पड़ा था. 26 साल के विपिन ने इंदौर से माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है. कॉलेज पूरा होने के बाद उन्होंने फुल टाइम जॉब करना शुरू किया. तनख्वाह ठीक ठाक होने के बावजूद भी जॉब में मन नहीं लगा और जॉब छोड़ दी. कुछ अपना शुरू करने की ख्वाहिश उन्हें वापस घर ले आई, इस वजह से साल 2018 में वो घर वापस लौट आए.

2 लाख नुकसान उठाना पड़ा

विपिन ने घर वापस लौटने के कुछ महीनों बाद ही ढूध का कारोबार शुरू किया. उन्हें इस काम में लागत के अनुसार मुनाफ़ा नहीं हो रहा था, जिस कारण उन्हें ये कारोबार 1 साल से भी कम वक़्त में बंद करना पड़ा. उन्हें इस कारोबार के चलते 2 लाख रुपये का नुकसान भी उठाना पड़ा. इस कारोबार में सफ़लता न मिलने के बावजूद भी उनका मनोबल टूटा नहीं और वो कुछ नया कारोबार शुरू करने की तरफ़ बढ़ गए.

नया कारोबार शुरू करने से पहले की 6 महीने रिसर्च

पहले कारोबार में असफल होने के बाद विपिन को अच्छे से समझ आ गया था कि उन्होंने कहाँ और क्या गलतियां की हैं. उन्होंने पुरानी गलतियों को दोहराने से बचने की योजना बनाई.अब वो एक अनुभवी कारोबारी की सोच से आगे बढ़ें और नया व्यवसाय शुरू करने से पहले 6 महीने रिसर्च करने में बिताये. उन्होंने 6 महीने इन्टरनेट पर अलग-अलग व्यवसायों के बारे में जानकारी जुटाने में निवेश किए. इसी दौरान उनके दिमाग में आया कि गांव के लोगों के पास पशु तो हैं, लेकिन जानवरों को खिलाने के लिए पौष्टिक आहार की कमी है. बस उन्होंने इस अवसर को सफ़लता में बदलने की ठान ली और उन्होंने पशु आहार बनाने की कंपनी खोलने की योजना बनाई. उनके इस आईडिया को उड़ान तब मिली जब उन्हें पता चला आसपास पशु आहार बनाने की एक भी कंपनी मौजूद नहीं है.

पशु आहार बेचने के लिए मार्कटिंग स्ट्रेटेजी बनाई

विपिन ने साल 2019 में पशु आहार( Pashu Aahar) बनाने की कंपनी तो शुरू कर दी, लेकिन पशु आहार के उत्पादन के बाद उसे किसानों तक पहुंचाने जैसी चुनौती का सामना करना पड़ा. उन्होंने इससे निपटने के लिए मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का सहारा लिया. विपिन ने अपनी कम्पनी और पशु आहार को प्रमोट करने के लिए पर्चे छपवाए साथ ही उन्होंने लाउडस्पीकर के ज़रिये भी कम्पनी का प्रचार किया. उनका यह तरीका सफल हुआ और धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे. आज राजगढ़ के आस-पास उनके 3 हज़ार से ज़्यादा रेगुलर कस्टमर हैं.

रोजाना 2 से 3 टन पशु आहार का उत्पादन

विपिन के पशु आहार की मांग इनती बढ़ गई कि उन्हें रोजाना 2 से 3 टन पशु आहार का उत्पादन करना पड़ता है. एक टन पशु आहार बनाने की लागत क़रीब 17 हज़ार रुपये के है और विपिन 1 टन पशु आहार 18 हज़ार रूपये बेच देते हैं. आज उनके साथ 4 और भी लोग काम कर रहे हैं. उन्हें यहां पहुंचने में एक साल लगा. आज वो खुश हैं और अन्य लोगों प्रेरित करने का काम कर रहे हैं.

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