केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत की तारीख तय करने को कहा है. सरकार ने किसानों से मीटिंग के लिए अपनी पसंद की तारीख चुनने का आग्रह भी किया है. इसी सिलसिले में आज पंजाब के किसान और राष्ट्रीय किसान संगठन बैठक करेंगे. इस बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर अहम फ़ैसला लिया जा सकता है.
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बातचीत करनी है या नहीं, फ़ैसला होगा आज
सरकार ने देश के 40 किसान संगठनों को संबोधित करते हुए चिट्ठी लिखी थी और उन्हें बातचीत करने के लिए न्यौता भेजा था. किसान संगठन सरकार के पत्र पर मथन कर आज अहम फ़ैसला ले सकते हैं. ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो, सरकार और किसान संगठनों के बीच 23 दिसम्बर ‘किसान दिवस’ के अवसर पर नए सिरे से बातचीत हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बातचीत पर जोर दिए जाने के बाद किसान संगठन सरकार के साथ मीटिंग के लिए बाधित हैं. यदि किसान संगठन कोर्ट के फ़ैसले को दरकिनार करते हैं तो उससे एक ग़लत सन्देश लोगों तक जाएगा.
पुराने प्रस्ताव पर ही बात करना चाहती है सरकार
किसान संगठनों का आरोप है कि सरकार पुराने प्रपोजल पर ही बात करना चाहती है. सरकार कृषि कानून में सुझायें गए बिंदुओं पर अडिग है और उन्ही बिन्दुओं को घूमा फिराकर पेश कर रही है, जबकि हम कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों का एक जत्था इन कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग कर रहा है. इनमें ज्यादातर पंजाब की जत्थेबंधियां शामिल हैं.
भूख हड़ताल ज़ारी
किसानों ने सोमवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. किसान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर हड़ताल कर रहे हैं. हर दिन 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठ रहे हैं वहीं, हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे.